लिफ्ट में मर्द को मुठ मारते हुए देखने से मैं खुद को रोक नहीं पाई

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बात कल की ही है. मैं एक कारपोरेट ऑफिस में जा रही थी. ऑफिस अपार्टमेंट के 25 वे मंजिल पर था. मैं लिफ्ट में गई मगर एक मंजिल पर जाकर वह रुक गई. शायद कुछ तकनीकी खराबी आई थी.

लिफ्ट में मैं और एक अनजान मर्द ऐसे हम दोनों ही थे. मैंने पीछे मुड़कर देखा तो मैं दंग रह गई. आदमी पैंट से लंड निकालकर मुठ मार रहा था. मैंने एकदम से मुंह फेर लिया. पर उसके लोड़े का साइज देखकर मैं पलटकर आंखों के किनारे से फिर से उसे ताकने से खुद को रोक नहीं पाई. मैं उसके लोड़े को देखती रह गई.

आदमी को भी मेरे मन की दशा समझ आ गई. उसने लोड़ा पकड़कर रखा था कि मैं जी भरकर उसे देख सकूं. मैंने फिर से मुंह मोड़ लिया तो आदमी फिर से मुठ मारने लगा. मैं फिर से पलट गई और आदमी ने अपना लोड़ा थाम के रखा. उसके लोड़े का खूबसूरती देख कामुकता से मैं खुद के जिस्म पर हाथ फेरने लगी. अब तो मैं उसके सामने सीधी खड़ी होकर उसके लोड़े को निहार रही थी. पर जैसे ही मैं उसे थामने के लिए आगे बढ़ी; लिफ्ट शुरू हो गई और मुझे खुद पर नियंत्रण पाना पड़ा.