साड़ी उठाकर कपड़े धूल रही गदराया बदन आंटी को देख मुठ मारने की इच्छा हुई
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पुणे में रहने वाली मेरी आंटी के घर कुछ दिनों के लिए मैं गया हुआ था. एक दिन सुबह सुबह मेरी आंटी साड़ी जांघों तक ऊपर सरकाकर बैठी कपड़े धुल रही थी. मैं नींद से उठकर वॉश एरिया में आया.
आंटी की पीठ मेरी तरफ थी. उसकी चरबीदार जाँघे और चूतड़ों का कुछ हिस्सा देखकर मेरा लंड जो कि पहले से ही खड़ा था वह और ज्यादा तन गया. आंटी जब जब आगे झुकती तब तब उसके चूतड़ों के अंदर जाने वाली लकीर मुझे दिखाई देती. इससे एक और बात पता चली कि आंटी सेक्सी पेंटी पहनती है. वह नजारा देख मैं मुठ मारने लगा. ऐसा लगा कि जाऊं और आंटी की साड़ी ऊपर उठाकर उसकी चूत में लंड पेल दूं.