होली के दिन भाभी के घुंघराले झांटों वाली बुर पे लगाया गुलाल
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होली का दिन था. लेकिन मेरी भाभी अभी भी नींद से जगी नही थी. मैं उसे रंग लगाने के लिए उसके कमरे में गया. देखता क्या तो भाभी पूरी नंगी लेटी हुई थी. उसके बदन पर नाममात्र ब्लाउज था जिसके बटन्स खुले हुए थे.
मुझे देखकर भी भाभी ने बदन ढंकने की नही सोची. उसकी बुर पे घुंगराले झांटे उगे हुए थे. मैंने गुलाल लिया और उसकी बुर पे लगा दिया. हरा-गुलाबी रंग से मैंने उसका नंगा जिस्म रंग दिया. उसके बाद मैंने उसकी रंगी हुई बुर चोदी.