जो मजा ससुर जी के लंड में है वह मजा मेरे पति में कहां?

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मेरे पति का तबादला होने के कारण मुझे कुछ दिनों के लिए गांव में मेरे ससुर जी के पास रहना पड़ा. उस दौरान मेरी बढ़ती प्यास की वजह से मेरा रिश्ता ससुर जी के साथ और भी गहरा होता चला गया. जब भी हमें मौका मिलता, हम दोनों संभोग करने लगते.

एक दिन जब मैं चावल नोच रही थी तब ससुर जी कमरे में आए और मेरे जिस्म को चूमने लगे. चूमते चूमते उन्होंने मेरे ब्लाउज के बटनों को खोले और मेरे बूब्स को मसलने लगे. फिर साड़ी ऊपर उठाकर उन्होंने मेरी गांड दबाई. इसी बीच उन्होंने मेरी चड्डी उतारी और मैंने उनकी धोती. वह कुर्सी पर बैठ गए और मैं उनके गोदी में बैठकर चुदने लगी.

कुछ दिनों के बाद मुझे वापस अपने पति के पास शहर लौटना पड़ा. पति मुझे चोदने लगे पर जो मजा मुझे ससुर जी के साथ आया वह इनके साथ नहीं आ रहा था. मन ही मन मैं ससुर जी के साथ बिताए चुदाई चरमसुख के पलों को याद करने लगी.

एक दिन मुझसे रहा नहीं गया और सासुमां की बीमारी का बहाना कर मैं फिर से ससुर जी के पास गांव चली गई. मैं कपड़े बदल ही रही थी कि ससुर जी आए और उन्होंने मुझे अपने आगोश में ले लिया. बहुत दिनों के बाद हम दोनों फिर से संभोग करने लगे.

पर काफी दिन गांव में बिताने से मेरे पति गुस्सा हो गए और उन्होंने मुझे शहर वापस बुला लिया. शहर लौटने से पहले एक दिन ससुर जी ने मुझे इस कदर चोदा कि वह चुदाई चरमसुख मैं कभी नहीं भूल पाई.